Monday 30 May 2016

ज़ीका वायरस : चिंतित विशेषज्ञों ने मांग की- ओलिंपिक खेल कहीं और करवाए जाएं या फिर...

मियामी: ज़ीका वायरस से जुड़ी चिंताओं के बीच 150 अंतरराष्ट्रीय चिकित्सकों, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर करके रियो डी जेनेरियो में होने वाले ओलंपिक खेलों के आयोजन को किसी और जगह करवाने या फिलहाल के लिए टाल दिए जाने की मांग की है।

पत्र में कहा गया कि ब्राजील के ज़ीका संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर रियो में खेल करवाने का दबाव बनाना ‘गैर जिम्मेदाराना’ और ‘अनैतिक’ होगा।

क्या कहा गया है इस लैटर में...
पत्र में कहा गया, ‘‘हमारी बड़ी चिंता वैश्विक स्वास्थ्य को लेकर है। ज़ीका वायरस ने स्वास्थ्य को इस तरह से नुकसान पहुंचाया है, जिसे विज्ञान ने पहले कभी देखा नहीं है।’’ इस पत्र पर अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, नॉर्वे, फिलीपीन, जापान, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और लेबनान समेत कई देशों के विशेषज्ञों ने हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र में कहा गया, ‘‘दुनियाभर के देशों से खेलों में शिरकत करने के लिए जब पांच लाख विदेशी पर्यटक आएंगे तो ऐसे समय पर एक गैरजरूरी खतरा बना रहेगा कि वे इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं और अपने इस वायरस को अपने साथ अपने देश ले जा सकते हैं, जहां जाकर यह एक महामारी का रूप ले सकता है।’’

पत्र में कहा गया, ‘‘क्या गरीबों के साथ ऐसा होना चाहिए? क्योंकि अभी तक इसके प्रकोप से बचे हुए स्थानों जैसे अधिकांश दक्षिण एशिया और अफ्रीका, पर इसका प्रकोप बहुत व्यापक हो सकता है।’’ ज़ीका के कारण खतरनाक माइक्रोसेफली सहित जन्मजात विकृतियां आ सकती हैं। माइक्रोसीफेली ऐसी बीमारी है जिसमें बच्चे छोटे सिर और मस्तिष्क के साथ पैदा होते हैं।

काफी व्यापक प्रभाव पड़ा है इस वायरस का
ब्राजील में पिछले साल मच्छर जनित  ज़ीका फैलने के बाद से अब तक लगभग 1300 बच्चों में इसके लक्षण दिख चुके हैं, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने ब्राजील की यात्रा पर जाने वाले लोगों से अपील की है कि वे मच्छरों के काटे जाने से बचने के उपाय करके चलें। इसके साथ ही यह अपील भी की गई है कि गर्भवती महिलाएं रियो डी जेनेरियो सहित उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां जीका फैला हुआ है।

पत्र ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपील की कि वह ब्राजील में मौजूदा स्थिति का और यात्रियों से की गई सिफारिशों का ‘‘एक नया, साक्ष्य आधारित आकलन करवाए’’।

बड़े वित्तीय निवेशों के दांव पर होने की वजह से पत्र ने सवाल उठाया कि क्या संयुक्त राष्ट्र की यह स्वास्थ्य एजेंसी स्थिति का निष्पक्ष आकलन कर सकती है? पत्र में कहा गया कि वैश्विक संस्था शायद उपलब्ध विकल्पों पर पर्याप्त ढंग से गौर नहीं कर रही है। इन विकल्पों में खेलों को एक ऐसे स्थान पर स्थानांतरित कर देना शामिल है, जहां ज़ीका मौजूद नहीं है। इसके अलावा यह विकल्प भी है कि जीका पर काबू पा लिए जाने तक खेलों को स्थगित कर दिया जाए या फिर इन्हें रद्द ही कर दिया जाए।

(इस खबर को सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

उत्तर कोरिया ने सीमा का उल्लंघन होने पर दक्षिण कोरिया के युद्धपोतों को उड़ाने की धमकी दी

सियोल: उत्तर कोरिया ने शनिवार को दक्षिण कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसके युद्धपोत विवादित पश्चिमी समुद्री सीमा में दाखिल होते हैं तो वह उन्हें उड़ा देगा।

बिना चेतावनी के करेंगे हमला
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए द्वारा जारी उत्तर कोरियाई सेना के एक बयान में कहा गया, "अब से, हम दक्षिण कोरिया के किसी भी युद्धपोत पर बिना चेतावनी दिए हमला शुरू कर देंगे। अगर वह पश्चिमी समुद्र में हमारे सैन्य सीमांकन सीमा का 0.001 मिलीमीटर भी उल्लंघन करता है तो हम उसे उड़ा देंगे।"

नौकाओं पर गोली दागने पर प्रतिक्रिया
उत्तर कोरिया की यह चेतावनी दक्षिण कोरिया की नौसेना द्वारा विवादित पश्चिमी सागर में उत्तर कोरिया की दो नौकाओं एक मछलीमार नौका और दूसरी गश्ती नौका पर चेतावनी के रूप में पांच गोलियां दागने के एक दिन बाद आई है। यह विवादित समुद्री क्षेत्र येलो सी में है, जहां दोनों देशों के जल क्षेत्र को लेकर विवाद है। उत्तर कोरिया की दोनों नौकाएं गोलीबारी की घटना के तुरंत बाद अपनी सीमा की तरफ लौट गईं।

उक्त बयान में कहा गया है कि उत्तर कोरियाई शासन 'लापरवाह सैन्य उकसावे' के लिए अपने पड़ोसी देश को फटकार लगाती है। कहा गया है कि दक्षिण कोरिया जानबूझकर कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ाने के लिए ऐसी हरकतें कर रहा है।

(इस खबर को सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा, 26/11 हमले की जांच में भारत का सहयोग करें

वाशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा है कि वह 26/11 हमले की जांच में भारत के साथ सहयोग करे। इसके साथ ही उसने पाकिस्तान से उसकी जमीन से काम कर रहे सभी आतंकवादी समूहों से निपटने की अपील की।

भारतीय अधिकारियों का सहयोग करे अमेरिका
विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम यह अपील करते है कि पाकिस्तान सरकार इन हमलों की पूर्ण जांच में भारतीय अधिकारियों के साथ सहयोग करें। उन्होंने कहा, यह (मुंबई में हुआ आतंकवादी हमला) एक भयानक त्रासदी थी। हम न्याय होते देखना चाहते हैं और पाकिस्तानी सहयोग की अपील करते हैं। टोनर ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है कि उन्हें तालिबान समूहों समेत उनकी जमीन और उनके क्षेत्र से काम कर रहे सभी समूहों से निपटने की आवश्यकता है।

ऐसी अपील पहले भी की है
उन्होंने कहा, हमने उनसे ऐसा करने की अपील अतीत में भी की है। हम अब भी उनसे ऐसा करने की अपील करते हैं और हमने उनकी जमीन पर बेहद वास्तविक खतरे से निपटने के लिए उनके साथ मिलकर काम किया है।

(इस खबर को  सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा, 'हाथ से निकला जा रहा है वक्त

बॉन: भले ही दुनिया भर के नेताओं ने पेरिस में ऐतिहासिक जलवायु समझौता कर लिया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की जलवायु प्रमुख इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आपदा से बचने के लिए लोग पेट्रोल-डीजल के उपयोग की आदत बदलने में समर्थ नहीं होंगे।

क्रिस्टियाना फिगरेस ने कहा, 'मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि क्या जलवायु परिवर्तन के सबसे खराब प्रभावों से बचने के लिए बदलाव उतनी तेजी से होगा जितनी तेजी से इसकी जरूरत है। समय हाथ से निकला जा रहा है।'

गौरतलब है कि पेरिस समझौते के तहत 195 देशों ने औसत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का वादा किया है और उनकी कोशिश इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित रखने की होगी।

(इस खबर को  सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

पाकिस्तानी धार्मिक संस्था की सिफारिश- पति को मिले पत्नी की पिटाई का हक

इस्लामाबाद: यदि पत्नियां अपने पति की अवहेलना करती हैं तो पाकिस्तानी पति उनकी थोड़ी सी पिटाई कर सकते हैं। अपने नए महिला संरक्षण विधेयक में राज्य से संबद्ध एक इस्लामिक संस्था ने यह सिफारिश की है।

संस्था ने इन स्थितियों में पत्नियों की पिटाई की बात कही है-

  • यदि पत्नी अपने पति की बात नहीं मानती है, उसकी इच्छा के मुताबिक कपड़े नहीं पहनती है।
  • शारीरिक संबंध बनाने को तैयार नहीं होती है, हिजाब नहीं पहनती है।
  • अजनबियों के साथ बात करती है, तेज आवाज में बोलती है।
  • पति की सहमति के बगैर लोगों की वित्तीय मदद करती है।
संस्था को संवैधानिक दर्जा प्राप्त
'द काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी' (सीआईआई) को पाकिस्तान में संवैधानिक दर्जा प्राप्त है और यह संसद को इस्लाम के मुताबिक कानून बनाने के लिए गैर बाध्यकारी प्रस्ताव देता है। पंजाब प्रांत की महिलाओं के खिलाफ हिंसक गतिविधि संरक्षण विधेयक (पीपीडब्ल्यूए) 2015 को गैर इस्लामी बताते हुए काउंसिल द्वारा खारिज किए जाने के बाद विवादास्पद वैकल्पिक विधेयक तैयार किया गया है।

पंजाब विधानसभा को भेजा जाएगा प्रस्ताव
महिलाओं को घरेलू, मनोवैज्ञानिक और यौन हिंसा से कानूनी संरक्षण देने के लिए पीपीडब्ल्यूए पंजाब विधानसभा ने पारित किया था। साथ ही इसमें शिकायत के लिए एक टोल फ्री हॉट लाइन और महिला आश्रय स्थल स्थापित करने का प्रस्ताव है। परिषद अब अपने प्रस्तावित विधेयक को पंजाब विधानसभा को भेजेगा। 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की खबर के मुताबिक 163 पन्नों के मसौदा विधेयक में महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

(इस खबर को  सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


चीन बोला- ताइवान की आजादी' का अंजाम एक 'खतरनाक अंत' होगा


बीजिंग: चीन के ताइवान मामलों के प्रमुख झांग झुइजुन ने चेतावनी दी है कि 'ताइवान की आजादी' का अंजाम और कुछ नहीं, बल्कि एक 'खतरनाक अंत' होगा।

ताइवान वर्क ऑफिस ऑफ द कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) तथा ताइवान अफेयर्स ऑफिस ऑफ द स्टेट काउंसिल दोनों के प्रमुख झांग ने कहा, 'ताइवान की आजादी ताइवान के भविष्य के लिए कोई विकल्प नहीं है।'

ताइवान के उद्योग व वाणिज्य प्रतिनिधिमंडल के साथ बुधवार को एक बैठक के दौरान उन्होंने ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा, 'यह फैसला है, जिस पर इतिहास ने मुहर लगाया है।'

(इस खबर  सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

वित्तीय विवाद को लेकर अमेरिका से F-16 सौदे को अंतिम रूप देने में पाकिस्तान रहा नाकाम


इस्लामाबाद: पाकिस्तान वित्तीय विवाद के चलते अमेरिका से आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों की खरीद संबंधी समझौते को संभवत: अंतिम रूप देने में विफल रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है ।

पाकिस्तान सरकार को इन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 24 मई तक स्वीकार्यता पत्र उपलब्ध कराने की जरूरत थी लेकिन डॉन न्यूज ने रिपोर्ट दी है कि दस्तावेज जारी नहीं किया गया जिससे पेशकश की अवधि समाप्त हो गयी।

क्या कारण था जो जो रियायत से किया गया था इंकार...
एक राजनयिक सूत्र के हवाले से दैनिक ने बताया, ‘पाकिस्तान ने राष्ट्रीय कोष से इसका पूर्ण वित्त पोषण नहीं करने का फैसला किया जिससे बिक्री की शर्ते अब समाप्त हो गयी हैं ।’ हालांकि अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी ने दैनिक को बताया कि ‘अभी अंतिम सीमा समाप्त नहीं हुई है ।’ शुरुआत में आठ 16 सी : डी ब्लाक 52 बहुउद्देश्शीय लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 70 करोड़ डॉलर के सौदे के कुछ हिस्से को अमेरिकी विदेशी सैन्य वित्त पोषण कार्यक्रम के तहत वित्तीय समर्थन दिया जाना था लेकिन कांग्रेस ने इस बिक्री में रियायत देने से इंकार कर दिया।

कांग्रेस ने इस आधार पर सौदे को वित्तीय रियायत से इंकार किया कि पाकिस्तान ने अपनी धरती पर कुख्यात हक्कानी आतंकी समूह की शरणस्थलियों को समाप्त करने के लिए अधिक कुछ नहीं किया है। साथ ही कांग्रेस को इस्लामाबाद के परमाणु कार्यक्रम को लेकर भी आशंका थी।

(इस खबर सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

शोध : 1200 प्रकाश वर्ष दूर स्थित ग्रह पर जीवन की प्रबल संभावनाएं

वाशिंगटन: पृथ्वी से 1200 प्रकाश वर्ष दूर एक ग्रह पर सतही जल की मौजूदगी से वहां जीवन और आवासीय दुनिया के होने की प्रबल संभावनाएं जाहिर की गई हैं। लॉस एंजिल्स की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की शोध रिपोर्टों में यह बात कही गई है।
 
'केपलर-62 एफ' नाम का यह ग्रह पृथ्वी से करीब 40 फीसदी बड़ा है। प्रमुख लेखक और एस्ट्रोफिजिक्स के पोस्ट डॉक्टरल फेलो औमावा शील्डस का कहना है कि केपलर-62 एफ का आकार को देखते हुए यह संभवत: पथरीला किस्म का है और शायद उस पर समंदर भी है। 

नासा के केपलर मिशन के तहत 2013 में केपलर-62 एफ की खोज की गई। यह उन ग्रहों में से एक है जो एक तारे के आर्बिट में मौजूद हैं। यह तारा सूर्य के मुकाबले ठंडा और आकार में छोटा है। हालांकि मिशन यह पता लगाने में कामयाब नहीं हुआ कि परिक्रमा मार्ग का आकार कैसा है, गृह का वातावरण व उसका कम्पोजीशन कैसा है। हालांकि टीम ने प्लानेट पर जीवन होने की संभावना जताई है।

शील्डस ने कहा कि हमने पाया कि ग्रह पर बहुस्तरीय वातावरण है। यह धरातलीय जल की मौजूदगी दर्शाता है। यह प्रबल कारण है जो कि इस ग्रह के आवासीय गृह होने की संभावना पुख्ता करता है।   

पृथ्वी के वातावरण में 0.04 प्रतिशत कार्बन डाईआक्साइड है। केपलर-62 एफ अपने तारे से पृथ्वी से सूर्य की दूरी के मुकाबले ज्यादा दूर है। इसका अर्थ है कि धरातलीय तरल जल के लिए उसे कार्बन डाईआक्साइड की अधिक मात्रा की जरूरत होगी।  शोध दल ने कम्प्यूटरों से की गई गणनाओं से आवासीय स्थितियों के लिए विभिन्न परिदृश्यों का अनुमान लगाया है। इसमें वातावरण में कार्बन डाईआक्साइड की विभिन्न मात्राओं को लेकर अनुमान लगाए गए हैं। यह शोध जर्नल एस्ट्रोबायलॉजी में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है।

(इस खबर सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


'पाकिस्तान 1984 में ही परमाणु परीक्षण में सक्षम था, 5 मिनट में नई दिल्‍ली को निशाना बना सकता था'

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक अब्दुल कदीर खान ने कहा है कि पाकिस्तान के पास 1984 में परमाणु परीक्षण करने की क्षमता थी और उसने योजना भी बनाई थी, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने इस विचार का विरोध किया, क्योंकि इससे पाकिस्तान को मिल रहे उस अंतर्राष्ट्रीय सहायता में कटौती हो जाती, जो उसे अफगानिस्तान पर सोवियत संघ के कब्जे की वजह से मिल रहा थी। 'डॉन' ने खान के हवाले से कहा है, 'हम लोग सक्षम थे और हमने वर्ष 1984 में परमाणु परीक्षण करने की योजना बनाई थी, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया ने इसका विरोध कर दिया।'

उन्होंने कहा, 'जनरल जिया का विचार था कि यदि पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किया तो दुनिया पाकिस्तान की सैन्य सहायता रोक देगी।' खान ने यह भी कहा कि 'पाकिस्तान पांच मिनट में काहुता से नई दिल्ली को निशाना बनाने में समर्थ था।' काहुता पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का एक शहर है।

खान ने यह भी कहा, 'मेरी सेवा के बगैर पाकिस्तान कभी भी परमाणु शक्ति संपन्न पहला मुस्लिम राष्ट्र नहीं बन पाता। हम लोग बहुत कठिन परिस्थतियों में यह क्षमता हासिल करने में समर्थ थे, लेकिन हमने यह किया।' खान पाकिस्तान के परमाणु संपन्न देश बनने के अवसर यौम-ए-तकबीर पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

मुशर्रफ के कार्यकाल में अपने साथ हुए व्यवहार के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'परमाणु वैज्ञानिकों को देश में वह सम्मान नहीं दिया जाता, जिसके वे हकदार हैं।' खान ने कहा, 'हम लोगों ने अपने देश के परमाणु कार्यक्रम को जो सेवा दी, उसके बदले सबसे खराब दौर का सामना कर रहे हैं।' वर्ष 2004 में हुए एक बड़े परमाणु प्रसार स्कैंडल के केंद्र में कदीर ही थे।

श्रृंखलाबद्ध नाटकीय घटनाक्रमों में तत्कालीन सेना प्रमुख एवं राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने खान को परमाणु प्रसार का एक खतरनाक नेटवर्क संचालित करने का आरोपी बताया था। मुशर्रफ की इस घोषणा के कुछ ही दिनों बाद खान का रिकॉर्ड किया हुआ एक बयान प्रसारित हुआ था, जिसमें उन्होंने परमाणु प्रसार की जितनी भी जानकारियां मिली थी उसकी पूरी जिम्मेदारी अकेले ली थी।

(इस खबर  सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

अरुण जेटली पहुंचे जापान, आबे और औद्योगिक नेताओं से करेंगे मुलाकात

तोक्यो: वित्त मंत्री अरुण जेटली आज छह दिवसीय यात्रा के तहत जापान पहुंच गए हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान वह जापानी प्रधानमंत्री शिंझो आबे के साथ-साथ कई प्रमुख निवेशकों से मुलाकात करेंगे।

इस यात्रा के दौरान वह सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सन से मुलाकात करेंगे ताकि भारत द्वारा जापान की इस दिग्गज दूरसंचार कंपनी के लिए पेश किए जा रहे निवेश के अवसरों पर चर्चा की जा सके। सॉफ्टबैंक पहले ही भारत में कई तकनीकी निवेश कर चुका है और उसने अगले दशक में इस निवेश को बढ़ाकर 10 अरब डॉलर करने की घोषणा की है।

वित्त मंत्री और आबे की मुलाकात कल होगी...
जेटली सुजूकी मोटर के अध्यक्ष ओसामू सुजूकी से भी मुलाकात करेंगे। सुजूकी मोटर भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र का सबसे बड़ा जापानी निवेशक है। वित्त मंत्री और आबे की मुलाकात कल होनी है। दोनों ही निक्केई इंक द्वारा ‘एशिया का भविष्य’ मुद्दे पर आयोजित 22वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

31 मई को वह ‘एशिया का भविष्य’ सम्मेलन में शिरकत करेंगे और फिर दोपहर को वह ‘नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्टक्चर फंड’ (एनआईआईएफ) पर एक गोलमेज संबोधन देंगे।

(इस खबर को सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)



दाढ़ी कटवाने पर सौ डालर! आर्थिक तंगी से घिरे आईएसआईएस ने लगाए नए जुर्माने


वाशिंगटन: दायरा सिमटते जाने के बीच, धन की कमी से जूझ रहे आईएसआईएस ने नए कर और जुर्माने लगाए हैं जिसमें दाढी कटवाने पर सौ डालर एवं ज्यादा कसे हुए लगने वाले वस्त्र पहनने पर 25 डालर का जुर्माना शामिल है।

वित्तीय भरपाई के लिए जुर्माना
स्थानीय समाचारों पर गौर करके ‘आईएचएस इंक’ द्वारा जारी नए विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय स्थिति खराब होते जाने के जवाब में इस्लामिक स्टेट अपने क्षेत्र में कर और जुर्माने बढ़ाता जा रहा है और कुछ मामलों में नए कर शुरू कर रहा है।

महिलाओं द्वारा कसे वस्त्र पहनने पर 25 डालर का जुर्माना
‘आईएचएस’ के वरिष्ठ विश्लेषक लुडोविको कार्लिनो ने कहा, ‘बीते छह महीनों में, इस्लामिक स्टेट ने तेल राजस्व के नुकसान और सिमटती सीमा की भरपाई के लिए जनता से अतिरिक्त राजस्व हासिल करने के लिए नए कर और जुर्माने शुरू किए हैं। सितंबर से, हमने पूरे खलीफा में करों में बढ़ोत्तरी देखी है।’ दाढ़ी कटवाने पर सौ डालर, दाढ़ी हल्की करवाने पर 50 डालर का जुर्माना लगाया गया है। पारंपरिक वस्त्र सही ढंग से नहीं पहनने पर पुरुषों पर पांच डालर जबकि ज्यादा कसे हुए वस्त्र पहनने पर महिलाओं पर 25 डालर का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा आंखों से पर्दा हटाने पर 10 डालर का जुर्माना तय हुआ है।

मोजे-दस्ताने न पहनने पर भी आर्थिक दंड
आईएसआईएस मोजे या दस्ताने नहीं पहनने पर महिलाओं पर 30 डालर का जुर्माना लग सकता है। सिगरेट का पैकेट रखने पर पुरुषों पर 46 डालर जबकि महिलाओं पर 23 डालर का जुर्माना हो सकता है।

(इस खबर सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है

चीन में वृद्धों की जनसंख्या 22 करोड़ के पार हुई, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने की समीक्षा

बीजिंग: विश्व में वृद्धों की सबसे बड़ी जनसंख्या से जूझ रहे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश में 60 वर्ष से अधिक आयु वालों की जनसंख्या 22 करोड़ पार करने के बाद अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। वृद्धों की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत है।

चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना के प्रमुख शी ने पार्टी के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो के सदस्यों के साथ 'देश और वृद्ध होते समाज के भविष्य' पर एक अध्ययन समूह के साथ बैठक की। सीपीसी नेता ऐसे समूह अध्ययन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा करने करते हैं ताकि उचित नीतियां बनाई जा सकें।

बैठक इसलिए आयोजित हुई, क्योंकि नवीनतम आंकड़े से यह पता चला कि 60 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या 22 करोड़ पार कर गई है। यह कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत है जो कि उम्मीद से जल्दी हुआ है।

चीन की राजधानी में इसका असर दिखने लगा है, क्योंकि कुल 22 करोड़ की जनसंख्या में से पेंशन भोगियों की संख्या बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गई है। बीजिंग की स्थानीय सरकार उम्मीद करती है कि शहर की कुल जनसंख्या का करीब 30 प्रतिशत की आयु 2030 तक 60 वर्ष या उससे अधिक होगी।

(इस खबर सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

पाकिस्तान ने तत्‍काल प्रभाव से 'कंडोम के विज्ञापनों' पर लगाई रोक

इस्‍लामाबाद: पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने देश के सभी टीवी चैनलों और रेडियो स्टेशनों को नोटिस जारी कर गर्भ निरोधकों और परिवार नियोजन के उत्पादों के विज्ञापन 'तुरंत प्रभाव से रोकने' को कहा है। नियामक ने गर्भनिरोधकों के विज्ञापन में अनचाही सामग्री की कई शिकायतों के बाद यह फैसला दिया है।

पीईएमआरए के नोटिस में कहा गया है, 'आम जनता को इन उत्पादों के बारे में बच्चों को जानकारी हो जाने का डर है। वे इन उत्पादों के प्रयोग और इनकी विशेषताओं को लेकर जिज्ञासु हो सकते हैं।'

इसमें आगे कहा गया है कि जो इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करेगा और ऐसे विज्ञापन प्रसारित करेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पाकिस्तान सेक्स और परिवार नियोजन को लेकर अपनी सख्त रूढ़िवादी नैतिकता के लिए कुख्यात है और वहां कई लोग इन विषयों पर बात करना वर्जित समझते हैं।

(इस खबर सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

भारत समेत दक्षिण पूर्व एशिया में हर घंटे 150 लोगों की जान ले लेता है तंबाकू : डब्ल्यूएचओ

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि तंबाकू का सेवन भारत समेत दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है और इसके सेवन से हर घंटे औसतन 150 लोगों की मौत हो जाती है। डब्ल्यूएचओ ने ‘सादी पैकेजिंग’ की वकालत की जिसमें तंबाकू उत्पादों से ब्रांड और प्रचार संबंधी सूचना हटाना अनिवार्य बनाया जाए।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ‘तंबाकू जान लेता है’ के संदेश को प्रसारित करने के लिए और तंबाकू सेवन की मनोवृत्ति को समाप्त करने के लिए तंबाकू उत्पादों की ‘सादा पैकेजिंग’ को अनिवार्य बनाना एक अच्छा तरीका है।

‘सादा पैकेजिंग’ में तंबाकू के पैकेट से ब्रांड और प्रचार संबंधी जानकारी हटा दी जाती है और उनकी जगह चित्रमय चेतावनी, धुंधले से रंग, एक ब्रांड का नाम और किसी उत्पाद या निर्माता का नाम मानकीकृत प्रारूप में डाला जाता है।

11 देशों में करीब 24.6 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं 
दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने ‘वर्ल्ड नो टोबेको डे’ के अवसर पर कहा, ‘‘तंबाकू का सेवन डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र (जिसमें भारत शामिल है) में सार्वजनिक स्वास्थ्य का बड़ा मुद्दा बना हुआ है जहां क्षेत्र के 11 देशों में करीब 24.6 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं और 29 करोड़ से थोड़े कम इसका धुआंरहित स्वरूप में सेवन करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘तंबाकू से हर साल क्षेत्र में 13 लाख लोगों की मौत हो जाती है, जो 150 मौत प्रति घंटे के बराबर है।’’ पूनम ने कहा कि ‘सादी पैकेजिंग’ का कलात्मक प्रभाव महत्वपूर्ण होता है और अध्ययन बताते हैं कि तंबाकू उत्पादों की इच्छा पर ये प्रभाव डालते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘उच्च आय वाले देशों में धूम्रपान का स्तर कम हो रहा है, वहीं तंबाकू कंपनियां तेजी से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में बाजार में मौजूदगी पर निर्भर होती जा रहीं हैं। इस क्षेत्र में दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के देश भी हैं।’’
(इस खबर को सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

चिदंबरम का मोदी सरकार पर हमला, बोले रघुराम राजन के लायक नहीं ये सरकार

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन के लायक नहीं है, जो कि दुनिया के सबसे बेहतरीन अर्थशात्री हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या आरबीआई गर्वनर को दूसरा कार्यकाल दिया जाना चाहिए, चिदंबरम ने कहा, 'मैं तो यह सोचने लगा हूं कि क्या यह सरकार डॉ. राजन जैसे काबिल व्यक्ति के लायक है?'

आरबीआई गर्वनर का तीन साल का कार्यकाल सितंबर के पहले हफ्ते में समाप्त हो रहा है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी लगातार कहते आ रहे हैं कि राजन को विस्तार नहीं दिया जाना चाहिए।

चिंदबरम ने आगे कहा, 'संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार ने दुनिया के सबसे उत्कृष्ट अर्थशात्रियों में से एक को आरबीआई के गर्वनर के पद पर नियुक्त किया था। हमने उस समय उन पर पूरा भरोसा जताया था। हम आज भी उन पर पूरा भरोसा जताते हैं।'

पूर्व वित्तमंत्री ने स्वामी द्वारा राजन को हटाने संबंधी पत्र पर कोई टिप्पणी नहीं की। चिंदबरम ने पत्रकारों से कहा, 'अगर प्रधानमंत्री या वित्तमंत्री ऐसा कोई बयान देते हैं तो मैं उस पर टिप्पणी करूंगा। इसलिए इस पर कांग्रेस पार्टी को बयान देने की जरूरत नहीं है।'

यह पूछे जाने पर कि वित्तमंत्री अरुण जेटली का ब्याज दरों को लेकर राजन के साथ मतभेद है। चिदंबरम ने कहा, 'दुनियाभर में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों के बीच बातचीत होती रहती है। इसका मतलब यह नहीं है कि वित्तमंत्री आरबीआई गर्वनर की क्षमता पर सवाल उठा रहा है। हर कोई अर्थव्यवस्था को अपने नजरिए से देखता है। सरकार का नजरिया विकास दर का होता है तो केंद्रीय बैंक के गर्वनर का नजरिया मौद्रिक स्थिरता को लेकर होता है।'

उन्होंने आगे कहा, '10 बार में से दो बार वित्तमंत्री कुछ निर्णयों को लेकर अपनी चलाते हैं। यह दुनिया भर के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों का सच है।'

उन्होंने आगे कहा, 'जहां तक हमारा सवाल है, हमारे सभी केंद्रीय बैंक के गर्वनरों के साथ अच्छे संबंध रहे हैं और जब तक हम सरकार में थे, रघुराम राजन के साथ भी हमारे सबसे अच्छे संबंध थे।'

उन्होंने रघुराम राजन की आलोचना करने वाली केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण की खिंचाई की और कहा, 'अगर मैं यह प्रश्न आप सब के सामने रखूं कि एक तरफ डॉ. रघुराम राजन हो और दूसरी तरफ वाणिज्य मंत्री हो तो आप किसके समर्थन में होंगे। आपको पता है कि इसका जबाव क्या है।'

यह संकेत देते हुए कि आरबीआई और सरकार कई मुद्दों पर एकमत नहीं है। चिदंबरम ने कहा, 'सीपीई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति जुलाई 2015 में 3.7 फीसदी था, जो अप्रैल 2016 में बढ़कर 5.4 फीसदी हो गया। यह साफ नहीं है कि सरकार और आरबीआई मुद्रास्फीति के प्रबंधन पर एकमत हैं या नहीं। इस सहमति के अभाव में मुद्रास्फीति और भी बढ़ती जाएगी।'

(इस खबर को सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

सुशील मोदी को राज्य सभा टिकट न देने के पीछे आखिर क्या है राज?

पटना: भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सभा के लिए उमीदवारों की हर राज्य से अपनी पूरी सूची जारी कर दी हैं। सबसे चौंकाने वाला नाम रहा बिहार से गोपाल नारायण सिंह का है। गोपाल नारायण सिंह भले बिहार भाजपा के एक जमाने में अध्यक्ष रहे हों लेकिन सब जानते हैं कि इस बार बिहार से उनके सबसे कद्दावर नेता सुशील मोदी का राज्य सभा जाना तय माना जा रहा था। उनकी उम्मीदवारी को नज़रंदाज कर गोपाल नारायण सिंह, जो एक-दो बार नहीं बल्कि आठ बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, का चयन निश्चित रूप से लोगों को हैरान करने वाला है।

मोदी को राज्य सभा का टिकट न देने के पीछे निश्चित रूप से बिहार में पार्टी का वह बड़ा तबका है जो मोदी से किसी न किसी कारण से नाराज़ रहता है। उन लोगों के अभियान का यह परिणाम है। इसके साथ ही इस निर्णय से एक साफ संदेश गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह फिलहाल दिल्ली में सुशील मोदी की सक्रियता नहीं चाहते। इसके पीछे कई तर्क हैं, जिनमें प्रमुख है बिहार में चुनाव में हार के बाद समीक्षा के लिए हुई बैठकों में अधिकांश का निष्फल होना। केंद्रीय नेतृत्व ने चुनाव की कमान संभाली थी और राज्य के नेताओं की सलाह को  नज़अंदाज किया। इसके कारण महागठबंधन को विजय मिली। इसमें सच्चाई हो सकती है लेकिन अमित शाह और उनके समर्थकों को लगा कि जानबूझकर उनके ऊपर ठीकरा फोड़ा जा रहा है और हर जीत का श्रेय लेने वाली टीम अमित शाह फिलहाल हार की जिम्मेदारी से दूर रहना चाहती है।                                  

इस बात से सुशील मोदी के कट्टर आलोचक भी इंकार नहीं कर सकते कि बिहार में पार्टी को खड़ा करने से लेकर आज तक हर मुद्दे पर सक्रिय रखने में स्वर्गीय कैलाशपति मिश्रा के बाद किसी एक नेता का योगदान है तो वह हैं सुशील मोदी। मोदी ने छात्र जीवन से लेकर विधान सभा के अंदर पार्टी के हर संघर्ष, आंदोलन और मोर्चे का नेतृत्व किया है। खासकर विधान सभा के अंदर और बाहर लालू यादव, राबड़ी देवी के दिनों में जैसे एक के बाद एक कई घोटाले उजागर किए वे उन्हें सत्ता से बाहर करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी रहे। बाद के दिनों में भी जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनी तो  न केवल वे नीतीश के काबिल मंत्रियों में एक थे बल्कि उन्होंने गठबंधन में काफी गांठ भी नहीं पड़ने दी, भले इसके लिए उन्हें अपनी पार्टी के अंदर और बाहर खलनायक बनाया गया।

नीतीश कुमार के साथ सम्बंध टूटने के बाद भी आक्रामक विपक्ष की भूमिका में मोदी ने पार्टी को बनाए रखा। इससे पार्टी को लोक सभा चुनाव में पूरा लाभ मिला। विधान सभा चुनाव में यह रहस्य किसी से छिपा नहीं कि पार्टी में माइक्रो और मैक्रो दोनों तरह का चुनाव प्रबंधन खुद अमित शाह ने संभाल रखा था। यह बात अलग है कि भाजपा हो या विरोधी दलों के नेता, सब जानते हैं कि सुशील मोदी  के बिना बिहार की राजनीति की कल्पना करना फिलहाल तो निरर्थक है।
.
News is taken form NDTV india

लंदन में रॉबर्ट वाड्रा का बेनामी घर, सरकार की नई रिपोर्ट में खुलासा

नई दिल्ली: 2009 में हथियारों के एक विवादित सौदेबाज द्वारा लंदन में रॉबर्ट वाड्रा को बेनामी घर खरीद कर देने के मामले की सरकार ने जांच शुरू कर दी है। रॉबर्ट वाड्रा के वकीलों ने इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीय सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस के विरोधियों द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को सुव्‍यवस्थित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है।"

जांच एजेंसियों की दो रिपोर्टों के आधार पर सरकारी जांच आधारित है। ये रिपोर्ट कथित रूप से रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा द्वारा भेजी गई ई-मेल पर आधारित है। एनडीटीवी के पास वे रिपोर्ट्स उपलब्‍ध हैं लेकिन उनकी ई-मेलों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकता। उन रिपोर्टों में हथियारों के विवादित सौदेबाज संजय भंडारी से की गई पूछताछ का भी पूरा ब्‍यौरा है।

पिछले महीने एनफोर्समेंट एजेंसियों ने भंडारी के 18 ठिकानों पर छापा मारा था। कर अधिकारियों और एनफोर्समेंट विभाग द्वारा इन छापों के बाद दो जांच रिपोर्ट तैयार की गईं।  एनडीटीवी को मिली इन रिपोर्टों के अनुसार, कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा ने कई ईमेल भेजे जिसमें लेन-देन और लंदन के घर के रेनोवेशन से जुड़ी बातें हैं। 12 एल्लर्टन हाउस, ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित इस घर को 19 लाख पाउंड यानी करीब 19 करोड़ रुपये में खरीदा गया। ऐसा आरोप है, यह सौदा अक्टूबर 2009 में हुआ और जून 2010 में इसे बेच दिया गया।

जब रॉबर्ट वाड्रा से इस संबंध में चार दिन पहले सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन उनके वकील ने एनडीटीवी के ईमेल के जरिए सोमवार को जवाब भेजा है। वाड्रा के वकील ने कहा है कि वाड्रा किसी भी प्रकार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उल्लेख की गई संपत्ति 12, एल्लरटन हाउस, ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन से जुड़े हुए नहीं है। यह भी कहा है कि वाड्रा और उनके सहयोगी संजय भंडारी से किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन से जुड़े नहीं है। वे यह भी नहीं जानते हैं कि संजय भंडारी किसी भी प्रकार की रक्षा डील से जुड़े हैं।

NDTV द्वारा देखी गईं दो अलग-अलग प्राथमिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा और उनके असिस्टेंट मनोज अरोड़ा के ईमेल भंडारी के लंदन के एक रिश्तेदार सुमित चड्ढा को भेजे गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 'एक ई-मेल की तारीख 4.04.2010 है, जिसमें सुमित चड्ढा रिनोवेशन और रिपेयर के काम की प्रोग्रेस के बारे में रॉबर्ट वाड्रा को बता रहे हैं। साथ ही वह खर्चों की अदायगी के बारे में भी पूछ रहे हैं।'
रिपोर्ट में इन मेल्स पर चड्ढा को दिया गया वाड्रा का जवाब भी दर्ज है, जिसमें कहा गया है- वह इस मामले को देखेंगे। वह यह भी कह रहे हैं कि उनका 'सेक्रेट्री' मनोज इस मामले पर 'संपर्क में' रहेगा। इसके बाद रिपोर्ट कह रही है कि- इसी के मुताबिक मनोज सुमित चड्ढा से 'Exim Real Estate' नामक ई-मेल आईडी के जरिए संपर्क में रहे।

इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर NDTV को बताया कि ई-मेल में संपत्ति के रिडेकोरेशन तक की बात का जिक्र है।

बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एनडीटीवी से कहा कि यह चौंकाने वाला तो है, लेकिन इसमें आश्चर्यजनक कुछ भी नहीं है। मैं ईडी, आयकर विभाग से आग्रह करूंगा कि वह कथित संपत्ति और पूरे में मामले में वित्तीय अनियमित्ता या अपारदर्शिता की जांच करें।

बता दें कि भंडारी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस (ओआईएस) कंपनी के मालिक हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट ने 2014 में उनसे संबंधित डील पर सवाल उठाए और रक्षा मंत्रालय को भंडारी से दूरी बनाए रखने की सलाह दी।

रिपोर्ट के अनुसार, संजय भंडारी से साफ पूछा गया है कि ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति की खरीद बिक्री से रॉबर्ट वाड्रा का क्या लेना-देना है? इस बात पर उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि लंदन में उनके वकील के पास सेल डीड से जुड़े कागजात हैं।

जांचकर्ताओं का कहना है, भंडारी ने रेड के दौरान ब्लैकबेरी फोन को नष्ट करने की कोशिश भी की। हालांकि वे लोग उनके फोन और कंप्यूटर्स से डाटा रिकवर करने में सफल रहे। भंडारी के जनसंपर्क कार्यालय ने NDTV से विस्तृत प्रश्नावली भेजने के लिए कहा, जो उन्हें भेजा भी गया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।

इस मामले पर कमेंट करने का लिखित निवेदन करने के बावजूद वाड्रा के असिस्टेंट अरोड़ा ने यह खबर छापे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया है।

मात्र एक लाख रुपए की प्रदत्त पूंजी (पेड-अप कैपिटल) के साथ भंडारी ने 2008 में OIS बनाई थी। इसका बहुत तेजी से कई करोड़ का वेंचर बन जाने से वित्तीय अपराध जांचकर्ताओं का ध्यान इसकी ओर खिंचा था। उनकी अब 35 संदिग्ध शेल कंपनियों से जुड़े वित्तीय मामलों से संबंधित उल्लंघनों में जांच की जा रही है जोकि 2009 से 2014 के बीच के हैं। हाल ही में, OIS ने 38 कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के पार्ट्स की सप्लाई की एक डील हासिल की है। ये पार्ट्स भारत डेजॉल्ट एविएशन से खरीद रहा है।

बता दें कि हरियाणा में कुछ जमीन सौदों को लेकर वाड्रा की कंपनी की जांच चल रही है। आरोप है कि वाड्रा को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव किए गए। वाड्रा ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
पढ़ें एनडीटीवी को वाड्रा के वकील द्वारा भेजे गए संदेश का हिंदी में अनुवाद -

हमारे क्‍लाइंट्स ने आपके द्वारा उन्‍हें भेजी गई ई-मेल की कॉपी मुझे दी है और निम्‍नांकित बातों को आपके समक्ष रखने का निर्देश दिया है :

1. हमारे मुवक्किल बताना चाहते हैं कि मिस्‍टर रॉबर्ट वाड्रा का आपके द्वारा बताए गए मकान नंबर 12, एलर्टन रोड, ब्रायनस्‍टन स्‍क्‍वायर, लंदन पर  प्रत्‍यक्ष या परोक्ष रूप से कोई मालिकाना हक नहीं है। हमारे मुवक्किलों को अफसोस है कि आपकी कदम गलत और गलत तथ्यों पर आधारित है।
 
2. हमारे मुवक्किलों का संजय भंडारी के साथ कोई कारोबारी नाता नहीं है। हमारे मुवक्किल संजय भंडारी के साथ कभी किसी वित्‍तीय लेन-देन में शामिल नहीं हुए और उन्हें इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि संजय भंडारी किसी भी प्रकार के रक्षा संबंधी लेन-देन में शामिल हैं या थे।

3. हमारे मुवक्किलों को इससे गहरी पीड़ा पहुंची है कि एक जिम्‍मेदार टीवी चैनल इस तरह की गलत और भ्रामक जानकारी फैला रहा है जिससे कि हमारे मुवक्किल को दिक्कत होने की आशंका है। हमारे मुवक्किल उम्‍मीद करते हैं कि आपकी ओर से आगे बेहतर समझ दिखाई जाएगी।
                
4. हमारे मुवक्किलों को कोई भी कथित ई-मेल नहीं दिखाई गई है। लिहाजा उन पर कोई टिप्‍पणी नहीं की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जैसा कि हमने ऊपर बताया है, हमारे मुवक्किलों की स्थिति भी स्‍पष्‍ट हो जाती है।

5. यदि हमारे मुवक्किलों के इस पर्याप्‍त स्‍पष्‍टीकरण के बावजूद हमारी चिंताओं की तरफ यदि ध्‍यान नहीं दिया गया तो वे कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्‍य हो जाएंगे। इसके साथ ही हमारे मुवक्किल यह भी कहना चाहते हैं कि वे प्रेस का सम्‍मान करते हैं इसलिए यह उनके लिए अंतिम विकल्‍प ही होगा।

6. हमारे मुवक्किल ऐसे किसी भी व्‍यक्ति के खिलाफ कार्यवाही के लिए स्‍वतंत्र हैं, जो  इस समाचार के प्रकाशन या टेलीकास्‍ट से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है या इसके लिए जिम्‍मेदार है।

7. हमारे मुवक्किल भारतीय कानून का पालन करने वाले हैं और वे सभी व्यापार कानून के दायरे में ही करते हैं। उनके सभी व्यापार कानून के अनुसार हैं।

8.इस पत्र को हमारे मुवक्किलों ने किसी भी प्रकार के अधिकारों और दलीलों संबंधी पूर्वाग्रह के बिना भेजा है। इसमें उल्लेखित किसी भी बात से हमारे मुवक्किल द्वारा किसी भी तथ्य को मान लेने या उनके अधिकारों के छूट मिल जाने के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
भवदीय
सुमन खेतान एवं को.
(सुमन ज्‍योति)

 

News from NDTV India

Thursday 26 May 2016

इटली के नौसैनिक को सुप्रीम कोर्ट ने दी देश जाने की अनुमति, केंद्र ने नहीं किया विरोध

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इटली के नौसैनिक को लेकर अहम फैसला सुनाया है जिसके तहत कोर्ट ने इतालवी मरीन साल्वाटोर गिरोने की जमानत शर्त में ढील दी है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकारण द्वारा अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर फैसला किए जाने तक उसे इटली जाने की अनुमति दी है।

इतालवी राजदूत को देना होगा हलफनामा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इतालवी राजदूत को इस बारे में नया हलफनामा देना होगा कि यदि अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण भारत के पक्ष में फैसला देता है तो गिरोने भारत लौटेगा।

केंद्र ने नहीं जताई आपत्ति
केंद्र ने कोर्ट को बताया कि उसे मरीन की जमानत शर्त में ढील दिए जाने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। इससे पहले इटली ने भारत के सुप्रीम कोर्ट से इतालवी मरीन सलवातोर गिरोने को भारत से जल्द स्वदेश भेजने के संयुक्त राष्ट्र मध्यस्थता पंचाट के फैसले को तत्काल लागू करने का अनुरोध किया था।

क्या है मामला
गिरोने उन दो इतालवी मरीनों में से एक हैं जो पोत ‘एनरिका लेक्सी’ पर सवार थे और उन पर वर्ष 2012 में केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है। दूसरा मरीन मासिमिलियानो लातोरे वर्ष 2014 में तबीयत खराब होने के कारण इटली वापस चला गया।

(इनपुट्स भाषा से भी)

(इस खबर को सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

हमने बैंकों को रिकवरी की ताकत दी है, बैंक माल्या की संपत्ति जब्त करेंगे : NDTV से अरुण जेटली

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरा होने के मौके पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एनडीटीवी इंडिया से खास बातचीत में कहा कि दुनिया में मंदी का दौर है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत की 7.5 प्रतिशत विकास दर मंदी के दौर में अच्छी है। भारत की विकासदर की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। यही नहीं 7.5 प्रतिशत की इस विकास दर को और बढ़ाना मुमकिन है। महंगाई के सवाल पर वह बोले कि हमने महंगाई दर को काबू में रखा है। आज महंगाई दर 5 प्रतिशत के आसपास है।

बैंक रिकवरी के लिए माल्या की संपत्ति जब्त कर सकते हैं
विजय माल्या के मामले पर जेटली ने कहा कि हमने बैंकों को रिकवरी की ताकत दी है। बैंक माल्या की संपत्ति जब्त करेंगे।

काले धन पर ईमानदारी से कोशिश
काले धन को वापस लाने के सवाल पर अरुण जेटली ने कहा कि हमारी सरकार ने काले धन पर सबसे ज्यादा कदम उठाए हैं। काले धन के खिलाफ कड़ा कानून लाए। पैन कार्ड जैसे सारे कदम काले धन के खिलाफ हैं। हमारी सरकार इस मुद्दे पर ईमानदारी से काम कर रही है।

रघुराम राजन पर सार्वजनिक चर्चा पर नियंत्रण नहीं
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन से जुड़े सवाल पर अरुण जेटली ने कहा कि मैं सार्वजनिक चर्चा पर नियंत्रण नहीं कर सकता, लेकिन मेरा मानना है कि व्यक्ति पर नहीं बल्कि विषय पर चर्चा होनी चाहिए।

NDTV से की बातचीत के मुख्य अंश
  • पूरे विश्व में मंदी का दौर
  • भारत की 7.5 प्रतिशत विकास दर मंदी के दौर में अच्छी
  • 7.5 प्रतिशत विकास दर का और बढ़ना मुमकिन
  • रोजगार अर्थव्यवस्था के चलते पैदा होते हैं
  • इन पांच सालों में लोगों को सामाजिक सुरक्षा का रूप देंगे
  • निजी क्षेत्र के लोगों को सुरक्षा के लिए PF में बदलाव
  • बिना पेंशन वाले समाज को सुरक्षित करना मकसद
  • सातवें वेतन की आयोग की रिपोर्ट आ चुकी है
  • वेतन आयोग की सिफारिशों का अध्य़यन होगा
  • वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा
  • वेतन आयोग लागू होने से डिमांड बढ़ेगी
  • काले धन पर अंकुश के लिए कड़ा कानून लाए
  • काले धन के खिलाफ ईमानदार कोशिश कर रहे हैं
  • पैन कार्ड जैसे सारे कदम काले धन के खिलाफ
  • बैंक रिकवरी के लिए विजय माल्या की संपत्ति जब्त कर सकते हैं
  • बैकों को रिकवरी की ताकत दी है
  • राजन को लेकर सार्वजनिक चर्चा पर नियंत्रण नहीं
  • व्यक्ति नहीं बल्कि मुद्दों पर चर्चा से देश को फायदा
  • मॉनसून सत्र में GST पास करने का लक्ष्य
  • मुद्रा योजना और जनधन से लोगों को फायदा
  • नए मंत्रियों ने सरकार में जोश भरा
  • यूपी में किसी बड़े गठबंधन की संभावना नहीं
  • यूपी में चुनाव के समय माहौल के हिसाब से मुद्दे होंगे
  • ...........news taken from ndtv india......

राहुल की समझ से स्मृति के सिर तक, मोदी सरकार के दो साल के सबसे हिट बयान

नई दिल्ली।मोदी सरकार को सत्ता में आए दो साल हो गए। 24 महीने में सरकार की ओर से और उसके खिलाफ कई ऐसे बयान दिए गए जो ब्रेकिंग न्यूज बने। कभी संसद में मोदी ने राहुल गांधी की समझ पर तंज कसा तो कभी जेटली ने राहुल को बिना जानकारी का एक्सपर्ट बताया। dainikbhaskar.com आपको ऐसे ही बयानों के बारे में बता रहा है...
मोदी ने इन मौकों पर साधा राहुल पर निशाना
- कई ऐसे मौके आए जब मोदी ने अपने भाषणों में राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। इनमें से कई बयान तो काफी सुर्खियों में रहे। 
- इसी साल लोकसभा में राहुल के हमलों का जवाब देते हुए उन्होंने राहुल की समझ पर सवाल उठाया।
- उन्होंने राहुल पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'कई बार उम्र तो बढ़ती है, लेकिन समझ नहीं बढ़ती है। इसलिए चीजें समझने में उन्हें समय लगता है। कुछ लोग तो समय बीतने के बाद भी चीजें समझ नहीं पाते। इसलिए विरोध करते हैं। विरोध करने का अपना तरीका ढूंढते रहते हैं।'
- मोदी 3 मार्च को राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दे रहे थे।
राहुल नहीं चूके हमला करने का कोई मौका
- इन दो सालों के दौरान राहुल गांधी ने भी जमकर सरकार पर हमले किए। अपनी हर सभा में मोदी सरकार को सूट-बूट की सरकार कहने वाले राहुल ने सबसे पहले लोकसभा में ही ये बयान दिया था। 
- 2015 में कई दिनों तक छुट्टी मनाने के बाद लौटे राहुल ने लोकसभा में कहा था- आप लोगों की सरकार उद्योगपतियों की सरकार है। यह बड़े लोगों की सरकार है। सूट-बूट की सरकार है।
- इस बजट सेशन में सरकार की काला धन पर लाई गई स्कीम पर हमला बोलते हुए उन्होंने इसे मोदी सरकार की फेयर एंड लवली स्कीम बताया।

Wednesday 25 May 2016

क्यों चर्चा में हैं जेल में बंद पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन...

बिहार के सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के मामले ने पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन को एक बार फिर 'सेंटर स्टेज' पर लाकर खड़ा कर दिया है। कुछ दिन पहले सीवान की जेल में बंद शहाबुद्दीन को इस मामले के बाद भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है। हालांकि अभी तक पुलिस ने साफ तौर पर इस हत्या में शहाबुद्दीन के हाथ होने की बात नहीं कही है लेकिन परिस्थितियां इस बात की तरफ इशारा कर रही हैं कि मामले का संबंध जेल में बंद राजद सांसद से है।

शाहबुद्दीन की सामाजिक न्याय मंत्री अब्दुल ग़फूर से जेल में कुछ इस तरह मुलाकात हुई

गौरतलब है कि शहाबुद्दीन पर अलग अलग आपराधिक मामले दर्ज हैं और फिलहाल वह सीवान जेल में कई सालों से बंद है। उन्हें 1996 में तत्कालीन एसपी एस के सिंघल की हत्या की कोशिश के मामले में 10 साल की सज़ा सुनाई गई है, वहीं 1999 में सीपीआई (एमएल) के नेता छोटे लाल गुप्ता के अपहरण मामले में बिहार की अदालत ने शहाबुद्दीन को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी। हाल ही में शहाबुद्दीन को12 साल पहले दो भाईयों पर एसिड डालकर हत्या के मामले में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। यह अलग बात है कि पूर्व सांसद पर इतने मामले चल रहे हैं कि इस ज़मानत से उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली।

'जेल में भी आराम'
हालांकि यह कहना गलत नहीं होगा कि इतने गंभीर मामलों में सज़ा काट रहे शहाबुद्दीन के लिए जेल की जिदंगी कांटो भरी नहीं है। जेल के अधिकारियों को धमकाने से लेकर 'साहेब' की लगने वाली बैठकों की रिपोर्ट समाचार पत्रों का हिस्सा बनती आई है। दरअसल रंजन की हत्या के पीछे की वजह भी ऐसी ही एक घटना को माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि बिहार के सामाजिक न्याय मंत्री अब्दुल ग़फूर ने मार्च के महीने में शहाबुद्दीन से जेल में काफी अनौपचारिक रूप में मुलाकात की थी जिसकी तस्वीरें वायरल हो गईं थी।

हिंदी अखबार दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यह तस्वीर रंजन के पास भी पहुंच गई थी जिन्होंने इसे कुछ और लोगों तक भी पहुंचाया था। इसके बाद 13 मई को पत्रकार रंजन की सीवान में हत्या कर दी गई और 18 मई को एक बार फिर शहाबुद्दीन से मिलने कई कारोबारी और नेता आए। उसी दिन सीवान के जेल पर छापे पड़े गए जिसमें साहेब की सेल भी शामिल थी। छापे में 38 मोबाइल बरामद किए गए जबकि 63 लोगों को तय समय के बाद भी जेल में मौजूद पाया गया। इस छापे के बाद उसी रात हाबुद्दीन को भागलपुर की जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
from ndtv india



Tuesday 24 May 2016

सीवान पत्रकार हत्याकांड : 5 की गिरफ्तारी के साथ ही शहाबुद्दीन से जुड़े मर्डर के तार



पटना: बिहार के सीवान में पत्रकार की हत्या मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या 13 मई को हुई थी। पुलिस का दावा है कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया है वही इस हत्याकांड में शामिल हैं।

शहाबुद्दीन के करीबी लड्डन मियां ने दी सुपारी
सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों को लड्डन मियां ने पत्रकार के कत्ल की सुपारी दी थी और लड्डन पूर्व आरजेडी सांसद शहाबुद्दीन का करीबी माना जाता है। इस हत्याकांड में मेन शूटर रोहित है और उसके साथ विजय को लड्डन मियां ने पत्रकार के कत्ल के लिए सुपारी दी थी। यानी इस हत्याकांड के तार अब सीधे तौर पर शहाबुद्दीन से जुड़ते जा रहे हैं।

राजदेव रंजन के सिर और गर्दन में मारी गई थी गोलियां
हिन्दी दैनिक 'हिंदुस्तान' के ब्यूरो चीफ राजदेव रंजन को सिर और गर्दन में गोलियां मारी गई थीं। जिससे उनकी मौत हो गई। राजदेव रंजन 24 वर्षों से पत्रकारिता कर रहे थे।

क्यों चर्चा में हैं जेल में बंद पूर्व राजद सांसद शहाबुद्दीन...

जब फोटो बनी मुसीबत
बता दें कि इसी साल अप्रैल में लालू यादव की आरजेडी में शहाबुद्दीन को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का सदस्य बनाया गया था। मार्च में एक आरजेडी मंत्री ने तब सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी जब उन्होंने जेल में बंद शहाबुद्दीन के साथ अपना एक फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था। तस्वीर में शहाबुद्दीन ने मंत्री के कंधे पर हाथ रखा हुआ था और एक और नेता के साथ मिलकर यह तीनों जेल के नियमों के विरुद्ध नाश्ते-पानी का मज़ा ले रहे थे।....news is taken from Ndtv india